भारत की 10 सबसे अच्छी हिन्दी वेब सीरीज.
कुछ समय से वेब सीरीज काफी लोकप्रिय हुई हैं. एसे मे सभी चाहते हैं कि सबसे अच्छी हिन्दी वेब सीरीज देखे. अभी इन्टरनेट पर बहुत वेब सीरीज उपलब्ध है और उनमें से आपके लिए हम लाए है 10 सबसे अच्छी वेब सीरीज.
कभी कोटा शहर था पर आज ये फैक्ट्री है. ये ऐसी पहली सीरीज़ है जो ब्लैक एंड व्हाइट है. इस वेब सीरीज जीतू भैया और वैभव की कहानी देखाई गई है जो पड़ाई के सिलसिले में कोटा आता है. जिंदगी में कोई भी कोटा गया होगा, कोचिंग की होगी, हॉस्टल मे रहा होगा, यह सीरीज उनकी यादे ताजा कर देगी. सीरिज़ के बेस्ट डायलॉग में कहते है कि “माँ-बाप के फैसले गलत हो सकते हैं मगर उनकी नियत कभी गलत नहीं हो सकती. ”
भारत में बनाई गई वेबसीरीज में अबतक की ये सबसे बेहतरीन में से एक है. सीरीज़ में शास्त्रों, कलयुग, पुराण, हिंदू माइथोलॉजी के किस्सों और पात्रों के साथ थ्रिलर-सस्पेंस-क्राइम का शानदार तड़का लगाया गया है. इस सीरीज़ में कई मौके आएंगे, जब आपको लगेगा कि इससे बेहतर कुछ नहीं.
यह कहानी है शुभ की है किसका बाप उसे असुर बोलता है क्योंकि उसके जन्म लेते ही उसकी माँ मर जाती है. शुभ का I. Q. बहुत ही तेज़ है. बड़ा हो कर वो हत्याएँ करने लगता है. CBI और शुभ के बीच एक गेम सा शुरू हो जाता है. शुभ कौन है और वो असुर क्यों बना उसकी क्या थ्योरी है? क्या CBI की टीम शुभ को रोक पाएगी? यह जानने के लिए असुर देखना होगा.
इसमें एक ऑपरेशन दिखाया है जो 19 साल लंबा है और कई देशों में फैला हुआ है.
हिम्मत सिंह (केके मेनन) का मानना है कि पांच आतंकवादी कार में हमला करने आए थे और उनका एक आतंकवादी साथी जो कि उनका मास्टरमाइंड था वो संसद परिसर में पहले से ही मौजूद था.
इस छठे आदमी को पकड़ने के लिए वह अपनी टास्क फोर्स टीम बनाता है जिसमें पांच एजेंट्स दुनिया के अलग-अलग देशों में सूत्र जुटाने की कोशिश करते हैं.
छठे आदमी की थ्योरी पर हिम्मत सिंह को पूरा यकीन है, लेकिन इस बात का उसके पास कोई ठोस सबूत नहीं है. उसके इस विचार की खिल्ली भी उड़ाई जाती है. क्या कोई छठा आदमी है? क्या यह हिम्मत सिंह की कोरी कल्पना है? हिम्मत सिंह की टीम किस तरह से अंतिम फैसले या टारगेट तक पहुंचती है? इन प्रश्नों के जवाब रोचक अंदाज में 'स्पेशल ऑप्स' में मिलते हैं.
यह वेब सीरीज आतंकवाद पर आधारित है लेकिन इसमें दिखाया गया है एक मिडिल क्लास इंसान कैसे नौकरी के फर्ज और फैमिली की जद्दोजहद के बावजूद बेहतरीन संतुलन बनाकर रखता है. एनआईए की एक शाखा है जिसका काम है देश में होने वाले हमलों का पहले ही पता लगाकर उन्हें रोकना. और अबकी देश में जो खतरा आने वाला है उसका नाम है- ज़ुल्फिकार. दुश्मनों का एक ऐसा मिशन जिससे 26/11 (मुंबई टेरर अटैक) से भी कहीं बड़ी तबाही फैलने वाली है. ये क्या है और इसे कैसे रोका जाए.
यह एक शहरी लड़के अभिषेक त्रिपाठी (जितेंद्र कुमार) की कहानी है. वह एक ठीक ठाक जॉब की तलाश में होता है लेकिन कुछ बड़ा न मिलने के बीच वह गांव की पंचायत में सचिव के तौर पर काम करना शुरू कर देता है. यहां उसकी जिंदगी में एक के बाद एक अतरंगी किरदारों की एंट्री होती है. जिसके बाद वह अपना सारा ध्यान इस झंझट से निकलने में लगा देता है. वह पढ़ाई कर बेहतर जॉब हासिल करने के सारे जतन करता है लेकिन एक के बाद उसकी जिंदगी में मुश्किलों बढ़ती ही जाती है. इस वेब सीरीज की कहानी बिल्कुल रोलरकोस्टर राइड की तरह है. इमोशनल, सोशल मैसेज, गुस्सा, फ्रस्ट्रेशन, यूनिटी, कॉमेडी, एक्शन सब देखने को मिलेगा.
हाथीराम की माने तो दुनिया तीन लोकों में बंटी हुई है-स्वर्ग लोक जहां बड़े और अमीर लोगों का डेरा है.दूसरा धरती लोक-जहां उसके जैसे लोग रहते हैं और तीसरा पाताल लोक जहां कीड़े मकौड़े रहते हैं (जहां उसकी पोस्टिंग है).
एक दिन स्पेशल ऑपरेशन के दौरान 4 क्रिमिनलों को पकड लिया जाता है. इन चारों पर एक नामी आदमी की हत्या की साजिश का आरोप है. यह आदमी जिसे मारने की साजिश होती है वह फेमस टीवी जर्नलिस्ट होता है.ऐसे में यह केस आता है हाथीराम चौधरी के हाथ में और केस के साथ हाथीराम के आगे आती हैं ढेरों चुनौतियां जिसमें उसे अपने डिपार्टमेंट में भी बताना है कि वह इस केस के लिए बेहतर है ताकि उसे प्रमोशन मिल सकता है जो बहुत टाइम्स से रुका हुआ है . वहीं उसे अपने बेटे के सामने भी हीरो बनकर उभरना है। क्या हाथीराम अपने इरादों में कामयाब हो पाएगा? क्या वह आसानी से इस केस को सॉल्व कर लेगा? ये तो आपको सीरीज देखकर ही पता चल पाएगा.
मुंबई में एक रात सीधा सा एक लड़का-लड़की मिले और रात साथ में गुज़ारी. लेकिन जब अगले दिन लड़के की आंख खुली तो दिखा कि पीठ में चाकू मारने की वजह से लड़की की मौत हो गई है. और चाकू उस लड़के के हाथ में है.लेकिन ट्विस्ट ये है कि नशे वगैरह के चक्कर में लड़के को रात की कोई बात याद नहीं है. अब कंफ्यूज़न बन जाता है कि इस लड़के ने मर्डर किया भी है कि नहीं. इसमें क्राइम इंवेस्टिगेशन, कोर्ट रूम की साजिश और जेल के आतंक को बखूबी दिखाया गया है.
इस वेब सीरीज मे आर माधवन के बच्चे के फेफड़े खराब हो गए हैं और एबी निगेटिव ऑर्गेन की जरूरत है पर वो अपने बच्चे के मोह में आ उसे बचाने के चक्कर में खूंखार रूप धारण कर लेते हैं और जितने भी एबी निगेटिव ऑर्गेन डोनर्स है उनका कत्ल करने लगते हैं.
अमित के किरदार का नाम कबीर सावंत है और वो पुलिस की भूमिका में हैं. उन्हें कातिल का पता लगाना होता है. क्या वो कातिल तक पहुंच पाते हैं या आर माधवन अपने बच्चे को बचा पाते हैं?
मिर्जापुर के कालीन भैया जो कि मिर्जापुर के डॉन है ड्रग्स का व्यापार करते हैं. कालीन भैया का मिर्जापुर मे दबदबा है उनकी मर्जी के बिना मिर्जापुर मे कुछ नहीं होता है. कालीन भैया अपने बेटे मुन्ना भैया को मिर्जापुर की जिम्मेदारी देना चाहते है उसे लायक बनाना चाहते है पर दो भाइयों गुड्डू और बबलू के आने के बाद कालीन भैया की हुकूमत पर खतरा मंडराने लगता है. यही से शुरू होता है हुकुमत का खेल. कौन राज करेगा मिर्जापुर पर?
गायतोंडे मुंबई का डॉन जब पुलिस के एक सिख इंस्पेक्टर सरताज सिंह को फोन कर टिप देता है कि इस कॉल से उसकी जिंदगी बदलने वाली है. टिप यह रहती है कि 25 दिन में मुंबई तबाह हो जाएगी.
गायतोंडे करीब 15 साल से गायब था. उसके अचानक सामने आने की बात पर सरताज को पहले यकीन नहीं होता. लेकिन जब पुलिस रिकॉर्ड में वह गायतोंडे के अपराध को खंगालता है तो उसके पैरों तले जमीन खिसक जाती है.
लेकिन इससे पहले की सरताज कुछ और जान पाता,सरताज गणेश खुद को गोली मार लेता है और सरताज के सामने छोड़ देता है कई सारे सवाल. मुंबई को 25 दिनों में ख़त्म किया जाएगा ? गणेश गायतोंडे ने सिर्फ़ सरताज सिंह को ही फ़ोन क्योंz किया ? गणेश के वापस आने और फिर आत्महत्या कर लेने के पीछे क्या कारण है?
Perfect description of all series
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